- स्टील किसे कहते हैं? | Steel kise kahate hain?
- Steel कितने प्रकार के होते हैं?
- हाई कार्बन स्टील व हाई स्पीड स्टील में अंतर
दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम स्टील (Steel) के बारे में बात करने वाले हैं। जिसमें स्टील क्या है? स्टील के प्रकार व इसके गुणों के बारे में बताया गया है। यदि आप इन सभी के बारे में जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पढ़कर जानकारी ले सकते हो। हमारे घरों में उपयोग किए जाने वाले बर्तन स्टील के बने होते हैं। फिटर की वर्कशॉप में उपयोग होने वाले टूल (Tool) भी स्टील (Steel) के बने होते हैं।
स्टील किसे कहते हैं? | Steel kise kahate hain?
ऐसा लोहा, जिसमें 0.25% से 1.5% कार्बन की मात्रा उपस्थित होती है, उसको स्टील (Steel) कहा जाता है। प्रत्येक प्रकार के लोहे को कार्बन की उपस्थित प्रतिशत मात्रा के अनुसार ही कठोर किया जा सकता है। स्टील की कठोरता कार्बन की मात्रा पर निर्भर रहती है। कास्ट आयरन (Cast Iron) में उपस्थित कार्बन की मात्रा को भट्टियों द्वारा ऑक्सीकारक पदार्थों के साथ कास्ट आयरन को गर्म करके कम कर दिया जाता है।
Steel कितने प्रकार के होते हैं?
दोस्तों, यह तीन प्रकार की होती है जो कि निम्न प्रकार से है-
- प्लेन कार्बन स्टील
- कास्ट स्टील
- अलॉय स्टील
प्लेन कार्बन स्टील
इस प्रकार की स्टील में अलॉयिंग एलीमेन्ट के रूप में कार्बन को ही मिलाया जाता है। इसलिए इसको कार्बन स्टील (Carbon Steel) के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रकार की स्टील में कार्बन की मात्रा 1.5% होती है। इसको एक निश्चित तापमान पर गर्म करने के बाद तेल या पानी में डुबोकर इसकी हार्डनिंग व टैंपरिंग की जाती है। इसमें कार्बन के अतिरिक्त बहुत कम मात्रा में मैंगनीज, सिलिकॉन व फॉस्फोरस भी मिला होता है।
प्लेन कार्बन स्टील के प्रकार
यह स्टील मुख्यत: तीन प्रकार की होती है, जो कि निम्न प्रकार से है-
- लो कार्बन स्टील
- मीडियम कार्बन स्टील
- हाई कार्बन स्टील
लो कार्बन स्टील
इस प्रकार की स्टील में कार्बन की प्रतिशत मात्रा 0.15% से 0.25% तक होती है। इसमें कार्बन की कम मात्रा होने के कारण यह मुलायम रहती है। जिस स्टील में 0.15% कार्बन की मात्रा होती है, उसे अति मृदु स्टील कहते हैं और जिसमें 0.25% कार्बन की मात्रा होती है, उसे माइल्ड स्टील (Mild Steel) कहते हैं।
लो कार्बन स्टील के गुण
- इसकी मशीनिंग क्षमता अच्छी होती है।
- इसमें कार्बन की मात्रा कम होती है, इसलिए इसको हार्ड व टेम्पर नहीं कर सकते हैं। इसको कठोर करने के लिए केवल केस हार्ड (Case Hard) किया जा सकता है।
- यह मुलायम होती है, इसलिए इसको आसानी से फोर्ज किया जा सकता है।
- इसमें कार्बन कम होने के कारण, इसको वैल्ड किया जा सकता है।
- यह स्टील रूम टेंपरेचर पर तन्य व आघातवर्धनीय होता है। जब इसका तापमान बढ़ाया जाता है तब इसकी तन्यता व आघातवर्धनीयता बढ़ जाती है।
लो कार्बन स्टील के उपयोग
- इसक उपयोग तार (Wire) बनाने में किया जाता है।
- इसका उपयोग प्लेट व चादर बनाने में भी किया जाता है।
- लो कार्बन स्टील के शीट व एंगिल भी बनाए जाते हैं।
मीडियम कार्बन स्टील
इस प्रकार की स्टील में कार्बन की मात्रा 0.3% से 0.7% तक उपस्थित होती है। इसमें कार्बन की मात्रा लो कार्बन स्टील से अधिक होने के कारण, इसमें कुछ यान्त्रिक गुणों का विकास होता है।
मीडियम कार्बन स्टील के गुण
- इसको ऊष्मा उपचार द्वारा हार्ड व टेम्पर किया जा सकता है।
- इसको भी फोर्ज करने में कोई कठिनाई नहीं होती है।
- इसको भी आसानी से वैल्ड किया जा सकता है।
- इसकी मृदु सामर्थ्य कुछ अधिक होती है।
- यह माइल्ड स्टील (Mild Steel) की तुलना में कम तन्य व आघातवर्धनीय होती है।
- इसकी बिना हार्ड किए मशीनन क्षमता अच्छी होती है। जब इसको हार्ड किया जाता है तब इसकी मशीनन नहीं किया जा सकता है।
मीडियम कार्बन स्टील के उपयोग
- इसका उपयोग क्रोबार बनाने में किया जाता है।
- स्प्रिंग मीडियम कार्बन स्टील के बने होते हैं।
हाई कार्बन स्टील
इस प्रकार की स्टील (Steel) में कार्बन की मात्रा 0.7% से अधिक होती है। इसमें अधिकतम कार्बन की मात्रा 1.7% होती है। जिस स्टील में कार्बन की प्रतिशत मात्रा 0.75% से 1.0% तक होती है, उनका उपयोग लकड़ी काटने वाले टूल जैसे- हथौड़े, स्प्रिंग ड्रिफ्ट आदि बनाने में किया जाता है। जिसमें 1.1% से 1.3% तक होती है, उनका उपयोग ड्रिल, रेती व धातु कटिंग टूल बनाने में किया जाता है और जिस स्टील में 1.4% से 1.5% तक कार्बन की मात्रा होती है, उनका उपयोग मिलिंग कटर गेज, शियरिंग ब्लेड, डाई, टैप व रीमर आदि को बनाने में उपयोग किया जाता है।
हाई कार्बन स्टील के गुण
- इसको ऊष्मा उपचार द्वारा अधिक कठोर (Hard) किया जा सकता है।
- इसको फोर्ज (forge) किया जा सकता है।
- ऊष्मा उपचार प्रक्रिया से पहले, इसको मशीन किया जा सकता है।
- इस स्टील को आसानी से वैल्ड नहीं किया जा सकता है।
- इस स्टील की तन्यता व आघातवर्धनीयता गर्म होकर कठोर हो जाने के कारण कम हो जाती है।
- यह स्टील अधिक कठोरता ग्रहण कर लेती है, इसलिए इसका उपयोग विशेष रूप से कटिंग डाइयाँ बनाने में किया जाता है।
कास्ट स्टील (Cast Steel)
इस प्रकार की स्टील में कार्बन की मात्रा 0.2% से 0.5% तक होती है। इसका मुख्य रूप से उपयोग कास्टिंग कार्यों में किया जाता है। इसमें कार्बन के अलावा कुछ मात्रा में सिलिकॉन व मैंगनीज भी उपस्थित होते हैं।
अलॉय स्टील
जिस कार्बन स्टील में अलॉयिंग एलीमेन्ट्स मिलाए गए होते हैं, उसको अलॉय स्टील (Alloy Steel) कहते हैं।
कार्बन स्टील में गुणों का अधिक विकास करने के लिए कार्बन के अलावा कुछ अन्य तत्व भी मिलाए जाते हैं, जिसको अलॉयिंग एलीमेन्ट्स (alloying elements) कहते हैं। जब स्टील में अलॉयिंग एलीमेन्ट्स मिलाए जाते हैं तब स्टील के भौतिक व रासायनिक गुण बदल जाते हैं।
अलॉय स्टील के प्रकार
यह स्टील 11 प्रकार की होती है, जो कि निम्न प्रकार से है-
- निकिल स्टील
- कोबाल्ट स्टील
- स्टेनलैस स्टील
- स्प्रिंग स्टील
- वेनेडियम स्टील
- हाई स्पीड स्टील
- मॉलिब्डेनम स्टील
- टंगस्टन स्टील
- मैंगनीज स्टील
- क्रोमियम स्टील
- सिलिकॉन स्टील
हाई कार्बन स्टील व हाई स्पीड स्टील में अंतर
हाई कार्बन स्टील | हाई स्पीड स्टील |
इसका निम्न गलनांक होता है। | इसका उच्च गलनांक होता है। |
इसमें कार्बन व लोहा होता है। | इसमें वेनेडियम, टंगस्टन व कोबाल्ट होता है। |
इस पर एसिड का प्रभाव पड़ता है। | इस पर एसिड का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। |
इस पर बहुत जल्दी जंग लग जाता है। | इस पर जंग नहीं लगता है। |
इस पर टेम्परिंग प्रोसेस करना जरूरी होता है। | इस पर टेम्परिंग प्रोसेस करना जरूरी नहीं होता है। |
इसका मुख्य तत्व कार्बन (Carbon) होता है। | इसका मुख्य तत्व टंगस्टन (Tungsten) होता है। |
इससे बने कटिंग टूल का उपयोग अधिक गति पर कटिंग करने के लिए नहीं किया जा सकता है। | इससे बने कटिंग टूल का उपयोग अधिक गति पर कटिंग करने के लिए किया जा सकता है। |