- अभिकेंद्र बल किसे कहते हैं? | abhikendra bal kise kahate hain?
- अभिकेंद्र बल का सूत्र
- अभिकेंद्र बल का मात्रक क्या होता है?
- अभिकेंद्र बल के उदाहरण
दोस्तों, आज की इस पोस्ट में "अभिकेंद्र बल" के बारे में बात करने वाले हैं। यह नाम आपने 10 th या 12 के Science विषय में सुना होगा। यह बल (Force) का भाग होता है। जिसमें द्वारा प्रथ्वी पर सभी साधन व मानव जीवन गमन करने के लिए निर्भर है।
यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो हमारे साथ बने रहिए। आपको इसके बारे में बुक में भी मिल जाएगा। लेकिन मैंने इस पोस्ट के माध्यम से आसान-से-आसान शब्दों में समझाया है।
अभिकेंद्र बल किसे कहते हैं? | abhikendra bal kise kahate hain?
किसी पिण्ड पर वृत्त के आकार में गति करते हुए एक बल काम करता है, उस बल की दिशा हमेशा केंद्र की ओर होती है, उसको अभिकेंद्र बल कहते हैं। इसको अंग्रेजी भाषा में 'Centripetal Force' कहते हैं।
यह लगभग आपको कॉलेज में सर ने बताया होगा, अब मैं आपको इससे सरल तरीके से समझाऊंगा। आप साइकिल तो चलाते होगे। अभिकेंद्र बल को समझने के लिए आप स्वयं इसका प्रैक्टिकल कर सकते हो।
इसके लिए आप साइकिल को मैदान में एक गोल चक्कर के रूप में घुमाइए। जिसमें आपकी साइकिल की गति नियत वेग में होनी चाहिए तब इसमें एक अभिकेंद्र त्वरण (Centripetal acceleration) उत्पन्न होगा। उस त्वरण की दिशा आपके वृत्ताकार केन्द्र की ओर होती है। यदि आपके अभी भी डाउट क्लियर नहीं हुए हैं, तो आप नीचे दिए गए उदाहरण जरूरत पढ़े।
अभिकेंद्र बल का सूत्र
आपने बल का सूत्र तो पढ़ा होगा, आपको इसके सूत्र को याद करना ही नहीं होगा। उसी सूत्र से इसकी भी उत्पत्ति होती है क्योंकि यह बल (Force) का ही एक भाग है। बल किसी पिण्ड के द्रव्यमान व त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है।
बल = द्रव्यमान × त्वरण
इसी तरह से, वृत्ताकार गति करते हुए किसी पिण्ड का अभिकेंद्र बल उस पिण्ड के द्रव्यमान व अभिकेंद्र त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है।
अभिकेंद्र बल = द्रव्यमान × अभिकेंद्र त्वरण
जहां पर बल या अभिकेंद्र बल को F, द्रव्यमान को m व त्वरण या अभिकेंद्र त्वरण को a से प्रदर्शित किया जाता है।
F = m × a
F = m × v2/r (Where, a = v2/r)
F = mv2/r
अभिकेंद्र बल का मात्रक क्या होता है?
अभिकेंद्र बल का मात्रक एसआई (SI) पद्धति किग्रा-मीटर/सेकण्ड2 होता है और इसका सीजीएस (CGS) पद्धति में मात्रक डाइन होता है।
अभिकेंद्र बल के उदाहरण
इसमें मैं आपको चार उदाहरण देने वाला हूं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
परमाणु में इलेक्ट्रॉन का घूमना
आपने यह भी Concept को पढ़ रखा होगा कि परमाणु के चारों ओर इलेक्ट्रॉन गति करते हैं, जो कि बिलकुल सही बात है। लेकिन यह उसके चारों ओर गति कैसे करते हैं। यह मैं आपको समझाने वाला हूं। इसको समझने के लिए आपको थोड़ा परमाणु के बारे में अधिक जानकारी होनी चाहिए।
परमाणु दो भागों से मिलकर बना होता है, जिसमें से एक भाग का नाम नाभिक व दूसरे का नाम कक्षाएं होती हैं, कक्षाएं नाभिक के चारों ओर वृत्ताकार में बनी होती हैं, इसलिए इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर वृत्त के आकार में चक्कर लगाते हैं। नाभिक के अंदर प्रोटान रहते हैं, जो कि धनावेशित होते हैं और कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन चक्कर लगाते हैं जिन पर ऋण आवेश होता है।
यह इलेक्ट्रॉन वृत्तीय गति करने के लिए आवश्यक अभिकेंद्र बल को नाभिक द्वारा लगने वाले वैद्युत आकर्षण बल से लेता है।
कार का मुड़ना
जब भी हम या कोई ड्राइवर कार (Car) को चलाता है तो उसको किसी विशेष स्थान पर मोड़ने के लिए उसके टायरों को अभिकेंद्र बल की आवश्यकता होती है। यदि टायरों को अभिकेंद्र बल ना मिले तो गाड़ी मुड़ नहीं पाएगी और वह सीधी दिशा में ही फिसलती हुई चली जाएगी।
कार के टायरों को अभिकेंद्र बल टायर व सड़क के बीच काम कर रहा घर्षण बल से प्राप्त होता है यदि किसी कारणवश सड़क गीली या चिकनी अथवा गाड़ी के टायर घिसे हुए हों तब अभिकेंद्र बल न मिल पाने के कारण गाड़ी मोड़ पर मोड़ने के बजाय फिसल जाती है।
पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर घूमना
यह हम सभी लोग जानते हैं, कि पृथ्वी गोल है और सूर्य भी गोल है, पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है। पृथ्वी के ग्रह है, इसको वृत्तीय गति करने के लिए आवश्यक अभिकेंद्र बल सूर्य (Sun) द्वारा सभी ग्रहों पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल से मिलता है।
रेल या सड़क की पटरी पर ढलान रखना
आपने यह लगभग सभी जगह तो नहीं लेकिन हाई-वे पर अधिक मोड़ वाले स्थान पर रोड पर ढलान को देखा होगा और जब आप तेज स्पीड से साइकिल चला रहे हो और अधिक मोड़ आ जाए तब आप साइकिल को झुका लेते हो और साइकिल मुड़ जाती है।
इसी तरह से बड़ी गाड़ियों को भी आसानी से सही स्पीड में मोड़ने के लिए रोड को ढलानदार बनाया जाता है। इसी तरह से रेल की पटरियों को भी बनाया जाता है।
निष्कर्ष - इस पोस्ट के माध्यम से अभिकेंद्र बल की परिभाषा, सूत्र व उदाहरण - परमाणु में इलेक्ट्रॉन का घूमना, रेल या सड़क की पटरी पर ढलान रखना, पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर घूमना, कार का मुड़ना के बारे में जाना है। यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो कमेंट करके बताएं और अपने दोस्तों को भी शेयर करें।