- बियरिंग किसे कहते हैं? | Bearing kise kahate hain?
- बियरिंग कितने प्रकार के होते हैं?
बियरिंग (Bearing) का नाम आप लोगों ने मैकेनिकल ट्रेड में आने से पहले सुना है और देखा भी है। लेकिन आपने इससे पहले कभी बियरिंग के बारे में अधिक नहीं जानकारी प्राप्त की होगी। लेकिन मैकेनिकल ट्रेड में आपको बियरिंग के बारे में अधिक जानकारी जानकारी की जरूरत है। क्योंकि मशीन (Machine) के भागों को चलने के लिए बियरिंग की अवश्य जरूरत होती है।
यदि इसको उपयोग नहीं किया जाए तो मशीन के घूमने वाले भागों के आपस में घर्षण से घिस जाएगा और भाग जल्दी खराब हो जाएगा। इसलिए घर्षण को कम करने, नुकसान कम व काम अधिक करने के लिए बियरिंग (Bearing) को उपयोग में लाया जाता है। इस पोस्ट से आपको बियरिंग की परिभाषा व प्रकार के बारे में जानकारी मिलेगी।
बियरिंग किसे कहते हैं? | Bearing kise kahate hain?
किसी मशीन में उपयोग की जाने वाली वह युक्ति, जो कि मशीन के घूमने वाले भाग को बेस देने व उसके भाग को सही अलाइनमेंट में रखने में मदद करती है, उसको बियरिंग (Bearing) कहते हैं।
आप इस समय या आने वाले समय में जितनी भी मशीनों के बारे में जानकारी प्राप्त करोगे। यहां पर मैं थ्योरी की बात नहीं कर रहा हूं। मैं यहां पर रियल लाइफ (Real Life) की बात कर रहा हूं क्योंकि हम लोग डेली किसी न किसी मशीन को देखते हैं और उपयोग में भी लाते हैं।
हम लोग रोज बाइक, साईकिल व कार में से किसी न किसी को डेली यूज में लाते हैं क्योंकि इनकी हमें सबसे अधिक जरूरत रहती है। यह हमें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में मदद करते हैं। इसलिए यह सभी मशीन हैं और इन सभी में बियरिंग (Bearing) का उपयोग किया गया है। बियरिंग का उपयोग किए जाने वाले स्थान के आधार पर किया जाता है, जिस स्थान के लिए जो बियरिंग उपयोगी होता है वह ही वहां पर काम कर सकता है।
बियरिंग कितने प्रकार के होते हैं?
बियरिंग (Bearing) को तीन प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है, यह घर्षण, आकार व भार के आधार पर निम्न प्रकार से है-
घर्षण के आधार पर बियरिंग
इसके आधार पर बियरिंग दो प्रकार के होते हैं, जिसमें से पहले का नाम 'घर्षणयुक्त बियरिंग' व दूसरे का नाम 'घर्षणरोधी बियरिंग' है। घर्षणयुक्त बियरिंग (Friction Carrying Bearing) में किसी भी प्रकार के रोलिंग एलीमेंट का उपयोग नहीं किया जाता है और घर्षणरोधी बियरिंग (Anti-Friction Bearing) में रोलिंग एलीमेंट का उपयोग किया जाता है। इनके बारे में विस्तृत से जानते हैं-
घर्षणयुक्त बियरिंग किसे कहते हैं?
इस प्रकार के बियरिंग में शाफ्ट की पूरी सर्फेस बियरिंग होल के अंदर फिसलती है और घर्षण भी उत्पन्न करती है। इन बियरिगों का उपयोग कम गति व अधिक भार पर चलने वाली मशीनों की शाफ्टों में किया जाता है, इनमें घर्षण को कम करने के लिए स्नेहक (Lubricant) को उपयोग में लाया जाता है।
इस प्रकार के बियरिंग छः प्रकार (Six types of Bearing) के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
- ठोस बियरिंग (Solid Bearing)
- शैल बियरिंग (Shell Bearing)
- स्प्लिट बियरिंग (Split Bearing)
- बुश बियरिंग (Bush Bearing)
- सैल्फ अलाइनिंग बुश बियरिंग (Self aligning bush Bearing)
- एडजस्टेबल स्लाइड बियरिंग (Adjustable Slide Bearing)
ठोस बियरिंग किसे कहते हैं?
ठोस बियरिंग (Solid Bearing) की संपूर्ण बॉडी ठोस बनी होती है, इसमें केवल बीच में शाफ्ट के लिए होल होता है और शाफ्ट में स्नेहक को डालने के लिए ऊपर की तरफ एक छोटा होल बना होता है, जिसको ऑयल होल (Oil Hole) कहा जाता है। इस बियरिंग की लाइफ टाइम बढा़ने के लिए बुश फिट किए गए होते हैं। इस बुश को बियरिंग में कास्ट आयरन (Cast Iron) की हाउसिंग में दाब लगाकर फिट किया जाता है।
शैल बियरिंग किसे कहते हैं?
इसका उपयोग भारी कामो के लिए किया जाता है, यह दो भागों से मिलकर बना होता है, जिसमें से पहले भाग को 'बाहरी भाग' व दूसरे भाग को 'आंतरिक भाग' कहते हैं। इसका बाहरी भाग गनमेटल, कास्ट आयरन व ब्रोंज का बना होता है और अंदरूनी भाग व्हाइट मेटल का बना होता है। इस प्रकार के जितने भी बियरिंग होते हैं, सभी की बाहरी सतह पर कॉलर लगा होता है।
स्प्लिट बियरिंग किसे कहते हैं?
यह भी दो भागों में बंटा होता है, इसकी भी बाहरी सतह पर कॉलर बना होता है। इस बियरिंग (Bearing) को कास्ट आयरन (Cast Iron) के ब्लॉक में फिट किया जाता है।
बुश बियरिंग किसे कहते हैं?
इस बियरिंग को ठोस बियरिंग में कमियों को देखकर बनाया गया है। ठोस बियरिंग में शाफ्ट घूमते हुए होल को घिसकर बढ़ा देती है, जिसके कारण पूरा बियरिंग बदलना होता है, लेकिन बुश बियरिंग (Bush Bearing) में इस समस्या से बचने के लिए, बियरिंग के होल को बड़े व्यास का बना दिया जाता है, उसके बाद उसमें गनमेटल (Gunmetal) का एक बेलनाकार बुश फिट किया जाता है। इसमें शाफ्ट के घूमने पर केवल बुश (Bush) ही केवल खराब होगा और बुश को बदलकर फिर बियरिंग काम करने योग्य हो जाता है।
सैल्फ अलाइनिंग बुश बियरिंग किसे कहते हैं?
इस प्रकार के बियरिंग का उपयोग ऐसे स्थानों पर किया जाता है जहां पर भाग को हाई स्पीड पर चलाने की जरूरत होती है। इसमें बुश को सैल्फ अलाइनिंग के लिए स्लीव में फिट किया जाता है। इसमें बियरिंग को घूमने से बचाने के लिए एक सिरे पर स्क्रू (Screw) को लगा दिया जाता है। यह स्क्रू आधा बुश में और आधा लॉक में लगाया जाता है।
एडजस्टेबल स्लाइड बियरिंग किसे कहते हैं?
इस प्रकार के बियरिंग (Bearing) में घिसाव के लिए एडजस्टमेंट की सुविधा रहती है। इसमें एडजस्टमेंट के लिए एक नट (Nut) लगा होता है। यह घिसाव एडजस्टमेंट के लिए हाउसिंग के टेपर होल में फिट किया जाता है।
घर्षणरोधी बियरिंग किसे कहते हैं?
इन बियरिंग (Bearings) में शाफ्ट सीधे घर्षण नहीं करती है, इसलिए इन बियरिंग को उपयोग में लाने पर शाफ्ट खराब नहीं होती है और लंबे समय तक चलती रहती है। इसको उपयोग में लाने पर केवल यही खराब होता है और इसको ही बदलने की जरूरत होती है। इन बियरिंगों में धातु की सतहें एक-दूसरे पर नहीं फिसलती हैं और उनके बीच में केवल कुछ बॉल या रोलर (Ball or Roller) घूमते हैं। इन बियरिंगों का चुनाव, उस पर लगने वाले बल व बल की दिशा को ध्यान में रखकर किया जाता है। यह दो प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
- बॉल बियरिंग (Ball Bearing)
- रोलर बियरिंग (Roller Bearing)
बॉल बियरिंग किसे कहते हैं?
बॉल बियरिंग में आपको दो चकरियां देखने को मिलेंगी। जिसमें से एक बड़ी चकरी होती है, जिसको मैकेनिकल भाषा में 'आउटर रेस' कहते हैं और छोटी चकरी को 'इनर रेस' कहते हैं। इन दोनों चकरियों के बीच में गेंद की आकार के अर्थात् गोल शेप में देखे होंगे। उनको बॉल्स कहा जाता है और बॉल्स को सही अलाइनमेंट में बनाए रखने के लिए जिग-जैग टाइप की एक पत्ती यूज की जाती है, जिसको 'केज' कहा जाता है।
इसमें दोनों चकरियों का संपर्क बॉल्स से होता है और यह दोनों चकरियों पर पड़ने वाला भाग आपस में सहन करते हुए घूमते हैं। इन बियरिंग (Bearing) में घर्षण व आवाज को कम करने के लिए ग्रीस व ऑयल को स्नेहन के लिए उपयोग किया जाता। इनका उपयोग ऐसे स्थानों पर किया जाता है, जहां पर कम लोड व अधिक स्पीड की आवश्यकता होती है। यह छ: प्रकार के होते हैं जो कि निम्न प्रकार से हैं-
- एकल पंक्ति बॉल बियरिंग
- द्विपंक्ति बॉल बियरिंग
- सैल्फ अलाइनिंग बॉल बियरिंग
- रेडियल संपर्क बॉल बियरिंग
- कोणीय संपर्क बॉल बियरिंग
- थ्रस्ट बॉल बियरिंग
रोलर बियरिंग किसे कहते हैं?
इस प्रकार के बियरिंग में बॉल्स के स्थान पर रोलर को उपयोग में लाया जाता है। रोलर बेलनाकार या बेलनाकार टेपर में शेप में बने होते हैं। यह बियरिंग के इनर रेस अर्थात् छोटी चकरी में बने ग्रूव में पड़े रहते हैं। बड़ी चकरी अर्थात् आउटर रेस प्लेन होता है। रोलर बियरिंग (Roller Bearing) में रोलर का दोनों चकरियों के साथ लाइन कॉन्टैक्ट (Line Contact) होता है। इनमें संपर्क क्षेत्र बहुत कम होता है। इसके कारण ही इनमें घर्षण (Friction) बहुत कम होता है।
यह पांच प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
- बेलनाकार रोलर बियरिंग
- बैरल रोलर बियरिंग
- नीडिल रोलर बियरिंग
- टेपर रोलर बियरिंग
- स्फेरिकल बियरिंग
आकार के आधार पर बियरिंग
इसके आधार पर बियरिंग (Bearing) दो प्रकार के होते हैं, जिसमें से एक का नाम 'चपटे बियरिंग' व दूसरे का नाम 'गोलाकार बियरिंग' होता है, इसके बारे में निम्न प्रकार से है-
चपटे बियरिंग किसे कहते हैं?
यह चपटी शेप में बने होते हैं, इनको अन्य नाम स्लाइड बियरिंग (Slide Bearing) या गाइड बियरिंग (Guide Bearing) कहा जाता है। ऐसा इसलिए कहते हैं कि यह स्लाइड करने वाले भागों में उपयोग किए जाते हैं। इनके अलावा उस स्थान पर दूसरे प्रकार के बियरिंग का उपयोग करना सही नहीं होगा। वह काम अच्छी तरह से प्रोसेस नहीं कर पाएगा।
गोलाकार बियरिंग किसे कहते हैं?
यह बियरिंग गोलाकार शेप के बने होते हैं, यह मशीन में घूमने वाले भागों को सहारा देते हैं।
भार के आधार पर बियरिंग
इसके आधार पर बियरिंग चार प्रकार (Four Types of Bearing) के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
- जर्नल बियरिंग
- गाइड बियरिंग
- कॉलर बियरिंग
- पिवट बियरिंग
जर्नल बियरिंग किसे कहते हैं?
इस प्रकार के बियरिंग का उपयोग घूमती हुई शाफ्ट को गाइड करने के लिए किया जाता है। यह शाफ्ट की अक्ष रेखा (Axis Line) के लम्बवत् लगा होता है। इसकेे कारण जर्नल बियरिंग (Journal Bearing) पर सीधा भार पड़ता है। इसलिए इसमें घर्षण अधिक होता है और इसको हाई स्पीड पर उपयोग नहीं किया जा सकता है। इसमें घर्षण होने के बावजूद भी शोर बिल्कुल नहीं होता है और यह अधिक मजबूत भी होता है तभी यह पड़ने वाले सीधे भार को सहन करता है।
गाइड बियरिंग किसे कहते हैं?
इस प्रकार के बियरिंग मशीन (Machine) के घूमने वाले भागों को सीधी रेखा में चलने के लिए सहारा देते हैं।
कॉलर बियरिंग किसे कहते हैं?
यह घूमती हुई शाफ्ट को खड़ी अवस्था में सहारा देने के लिए उपयोग किया जाता है। इस बियरिंग में दाब शाफ्ट की अक्ष के समांतर होता है और शाफ्ट का एक किनारा बियरिंग (Bearing) के अंदर ही रूका होता है।
पिवट बियरिंग किसे कहते हैं?
पिवट बियरिंग (Pivot Bearing) का उपयोग शाफ्ट के सिरों को सहारा देने के लिए किया जाता है। इस बियरिंग में शाफ्ट का दाब, अक्ष के लम्बवत् पड़ता है।