- ड्रिल कितने प्रकार के होते हैं? | drill kitne prakar ke hote hain?
- फ्लैट ड्रिल किसे कहते हैं?
- ट्विस्ट ड्रिल किसे कहते हैं?
- स्ट्रेट फ्लूटेड ड्रिल किसे कहते हैं?
- ऑयल होल ड्रिल किसे कहते हैं?
- टेपर शैंक कोर ड्रिल किसे कहते हैं?
- सेंटर ड्रिल किसे कहते हैं?
- काउंटर बोर ड्रिल किसे कहते हैं?
- मल्टी-डायमीटर ड्रिल किसे कहते हैं?
- काउंटर सिंक ड्रिल किसे कहते हैं?
- स्पाइरैक ड्रिल किसे कहते हैं?
ड्रिल (Drill) एक प्रकार कटिंग टूल होता है, जोकि जॉब या वर्कपीस में होल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह मार्केट में कई प्रकार के उपलब्ध रहते हैं। यह प्रत्येक मैटीरियल के लिए अलग-अलग प्रकार के ड्रिल टूल को उपयोग में लाया जाता है। यदि आप इसके प्रकार में जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
ड्रिल कितने प्रकार के होते हैं? | drill kitne prakar ke hote hain?
यह 10 प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
- Flat drill
- Twist drill
- Staright Fluted drill
- Oil Hole drill
- Taper Shank Core drill
- Centre drill
- Counter Bore drill
- Multi Diameter drill
- Counter Sink drill
- Spirake drill
फ्लैट ड्रिल किसे कहते हैं?
इसकी कटिंग एज फ्लैट बनी होती हैं, यह एक साधारण प्रकार का ड्रिल होता है, इसका उपयोग हैण्ड ड्रिलिंग मशीन (Hand Drilling Machine) व रैचेट ब्रेस (Ratchet brace) में लगाकर लकड़ी या मुलायम धातुओं में होल बनाने के लिए किया जाता है।
यह हाई कार्बन स्टील (High Carbon Steel) की गोल छड़ को फोर्ज करके बनाया जाता है, इसमें दो स्ट्रेट कटिंग एज बनी होती हैं। इन एज को बनाने के लिए गोल छड़ के आगे सिरे को फोर्ज करके चपटा बना दिया जाता है, उसके बाद रेती (File) या ग्राइण्डर द्वारा चपटे भाग में कटिंग एज को तैयार किया जाता है। अंत में कटिंग एज को मजबूती देने के लिए ऊष्मा उपचार (Heat Treatment) द्वारा हार्ड व टेम्पर किया जाता है।
ट्विस्ट ड्रिल किसे कहते हैं?
यह टूल हाई कार्बन स्टील या हाई स्पीड स्टील के बनाए जाते हैं और इनको बनाते समय इनके कटिंग एज में पर्याप्त क्लीयरेंस कोण भी दिया जाता है, जिसके कारण यह किसी धातु को आसानी से काटते हुए आगे बढ़ता है। इसके फ्लूट्स स्पाइरल शेप में बने होते हैं, जिसके कारण इसके कटिंग एज तक शीतलक आसानी से पहुंच जाता है और होल करते समय धातु छीलन भी आसानी से बाहर निकल जाती है। इस प्रकार के ड्रिल का उपयोग अधिक स्पीड से कटिंग करने के लिए किया जाता है। यह आपको मार्केट में दो प्रकार के मिलेंगे जो कि निम्न प्रकार से हैं-
- टू फ्लूट ड्रिल
- मल्टी फ्लूट ड्रिल
स्ट्रेट फ्लूटेड ड्रिल किसे कहते हैं?
इसके नाम से ही विदित होता है, कि इसमें दो स्ट्रेट फ्लूट बने होते हैं, जो कि एक-दूसरे की विपरीत दिशा में अक्ष के समांतर रहते हैं। यह दो प्रकार की शैंक में उपलब्ध हैं, जिसमें से एक का नाम 'स्ट्रेट शैंक' व दूसरे का नाम 'टेपर शैंक' है। यह बहुत कम धातु को काटते हैं। यह छोटे आकार में मिलते हैं। यह मुलायम धातु को काटने के लिए अधिक उपयोगी होते हैं, इनका उपयोग बहुत कम किया जाता है, क्योंकि इसके द्वारा होल को बनाते समय धातु की छीलन इसी में फंस जाती है और वह इसके साथ घूमकर होल की एक्युरेसी को खराब कर देती है।
ऑयल होल ड्रिल किसे कहते हैं?
इसकी शैंक व बॉडी से होते हुए कटिंग एज तक होल बना होता है, इस होल के द्वारा, इसके कटिंग एज को कटिंग ऑयल (Cutting Oil) पहुंचाया जाता है। यह ऑयल कटिंग एज तक पहुंचने के कारण अधिक गर्म नहीं हो पाता है और अच्छी तरह से होल बनाने का काम करता रहता है। इसमें चिप्स को बाहर निकालने के लिए होल के द्वारा संपीडित वायु को भेजा जाता है।
टेपर शैंक कोर ड्रिल किसे कहते हैं?
इसकी कुछ संरचना ट्विस्ट ड्रिल के समान होती है, इसकी शैंक टेपर में बनी होती है, इसकी बॉडी पर तीन या चार स्पाइरल शेप के फ्लूट्स बने होते हैं। यह किसी भी धातु में नया होल नहीं बना सकता है। इसका उपयोग पहले से बने होल को बड़ा करने के लिए किया जाता है।
सेंटर ड्रिल किसे कहते हैं?
यह हाई स्पीड स्टील (High Speed Steel) के बनाए जाते हैं, इसके दोनों साइड में या सिरों पर सेंटर लगाने के लिए कटिंग कोर बनी होती हैं और बीच का भाग प्लेन बेलनाकार बना होता है। इसके दोनों सिरों की कटिंग एज ड्रिल के समान बनी होती है। इसका प्वाइंट कोण 120° + 3° या 120° - 3° होता है और इसके बाद कुछ भाग शंकु के आकार का बना होता है। इस शंकु के आकार का कोण 60° होता है। इसके प्लेन भाग का व्यास 0.5 मिमी तक होता है और बेलनाकार भाग का व्यास 3.5 मिमी से 25 मिमी तक होता है।
काउंटर बोर ड्रिल किसे कहते हैं?
इसकी कटिंग एज दो भागों में बंटी होती हैं, इसमें आगे का भाग छोटे साइज का बना होता है और इसके पीछे का भाग बड़े व्यास का बना होता है, छोटे साइज का फ्लूट्स होल को बनाता है और इसकी पीछे का बड़े साइज का होल को बड़ा करने का काम करता है। इसका उपयोग ऐलन बोल्ट के लिए किया जाता है। इस ड्रिल (drill) द्वारा होल बड़े आकार को गाइड करने का काम करता है अर्थात् छोटे साइज का भाग बड़े साइज के लिए पायलट (Pilot) का काम करता है, इसलिए इसके आगे के भाग को पायलट (Pilot) कहा जाता है।
मल्टी-डायमीटर ड्रिल किसे कहते हैं?
यह दो या तीन अलग-अलग व्यास में बना होता है, इसलिए इसको मल्टी-डायमीटर (Multi-Diameter Drill) कहते हैं। इसके द्वारा किसी जॉब पर दो या तीन अलग-अलग व्यास के एक ही बार में होल बनाए जा सकते हैं। यह शैंक के आधार पर दो प्रकार के मार्केट में मिलते हैं, जिसमें से एक का नाम स्ट्रेट शैंक व दूसरे का नाम टेपर शैंक है।
काउंटर सिंक ड्रिल किसे कहते हैं?
यह भी दो प्रकार की शैंक के बने होते हैं, जिसमें से एक का नाम स्ट्रेट शैंक व दूसरे शैंक का नाम टेपर शैंक होता है। यह एक मल्टी फ्लूटेड होता हैं। इसका उपयोग छोटे व्यास के होल को काउंटर सिंक करने के लिए किया जाता है। अधिक फिनिशिंग काउंटर सिंकिंग के लिए पायलट युक्त काउंटर सिंक का उपयोग किया जाता है।
स्पाइरैक ड्रिल किसे कहते हैं?
यह बहुत बारीक साइज का होता है, यह मार्केट में नंबर आकारों में मिलते हैं। इनका व्यास 0.0086 इंच से 0.0984 इंच तक होता है। इसका उपयोग इंजन (Engine) के नोजिल, पम्प स्टोव या गैस के निपिल में होल बनाने के लिए किया जाता है।