- टूल कितने प्रकार के होते हैं? | Tool kitne prakar ke hote hain?
- मापक टूल्स किसे कहते हैं?
- मार्किंग टूल्स किसे कहते हैं?
- कटिंग टूल्स किसे कहते हैं?
- स्ट्राइकिंग टूल्स किसे कहते हैं?
- पियर्सिंग टूल्स किसे कहते हैं? | Piercing Tools kise kahate hain?
टूल (Tool) के प्रकार के बारे में बात करने से पहले टूल की परिभाषा के बारे में संक्षिप्त वर्णन कर लेते हैं। टूल एक अंग्रेजी शब्द है, इसको हिंदी भाषा में 'औजार' कहते हैं। यह आपको ITI के टेक्निकल ट्रेड में नाम सुनने को मिलेगा। इसके अलावा इसका उपयोग भी करने को मिलेगा। फिटर वर्कशॉप तो टूलों से ही भरी होती है, वहां पर जितना भी काम होता है वह सभी टूल के बेस पर ही होता है। तो चलिए इसके बारे में विस्तृत से बात करते हैं।
टूल कितने प्रकार के होते हैं? | Tool kitne prakar ke hote hain?
फिटर, टर्नर व मशीनिस्ट ट्रेड में टूल पांच प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
- मापक टूल्स
- मार्किंग टूल्स
- कटिंग टूल्स
- स्ट्राइकिंग टूल्स
- पियरशिंग टूल्स
मापक टूल्स किसे कहते हैं?
ऐसे टूल्स, जिनका उपयोग वर्कशॉप या कंपनी में बनने वाले प्रोडक्ट की लंबाई, चौड़ाई व ऊंचाई को मापने के लिए किया जाता है, उन्हें मापक टूल्स कहते हैं। इसको अंग्रेजी भाषा में Measuring Tool कहते हैं।
इन टूलों (Tool) का उपयोग प्रत्येक स्थान पर अलग-अलग होता है। इनमें से कुछ सूक्ष्ममापी यंत्र होते हैं, जिसके द्वारा माइक्रोन में सारी मापों को मापा या चैक करने के लिए किया जाता है। अधिक लंबी माप के लिए स्टील टेप का उपयोग किया जाता है और मीडियम माप के लिए स्टील रूल (Steel Rule) का उपयोग किया जाता है। जिस स्थान पर चादर की मोटाई को मापना होता है, तो उसकी मोटाई को मापने के लिए वायर गेज (Wire Gauge) का उपयोग किया जाता है।
मेजरिंग टूल्स के नाम - स्टील टेप, स्टील स्क्वायर, स्टील रूल, वर्नियर कैलिपर, माइक्रोमीटर, वायर गेज, रूलर, कम्पास, स्केल, चांदा आदि।
मार्किंग टूल्स किसे कहते हैं?
ऐसे टूल्स, जिनका उपयोग जॉब पर मार्किंग करने या जॉब की सतह पर ड्राइंग को बनाने के लिए किया जाता है, उन्हें मार्किंग टूल्स (Marking Tools) कहते हैं। इनको हिंदी भाषा में 'अंकन औजार' कहते हैं।
जॉब या धातु चादर के ऊपर वृत्त या चाप लगाना होता है तब डिवाइडर (Divider) टूल को उपयोग में लाया जाता है। जब किसी स्थान पर 200 मिमी का वृत्त खींचना होता है या चाप लगाना होता है तब उस स्थान पर ट्रेमल (Trammel) को उपयोग में लाया जाता है।
मार्किंग टूल्स के नाम - स्क्राइबर (Scriber), ट्रेमल, डिवाइडर, स्क्रैच आल, विंग कम्पास आदि।
कटिंग टूल्स किसे कहते हैं?
ऐसे टूल्स, जिनको वर्कशॉप में धातु या चादर को काटने के लिए उपयोग में लाया जाता है, उनको कटिंग टूल्स (Cutting Tools) कहते हैं। इनको हिंदी भाषा में 'कर्तन औजार' के नाम से जाना जाता है। यह टूल्स आपको वर्कशॉप में प्रैक्टिकल शुरू करने से पहले ही दे दिया जाएगा। फिटर वर्कशॉप में जॉब को बनाने के लिए रफ मेटल को काटने के लिए हेक्सा ब्लेड के साथ में ही मिलेगा।
जिसके द्वारा अधिक माल को काटकर अलग कर दिया जाता है। धातु को बुरादा या चूर्ण के रूप में काटने के लिए रेती (File) को उपयोग में लाया जाता है। पतली धातु चादर को काटने के लिए स्निप को उपयोग में लाया जाता है। यह टूल आपको बक्से बनाने वालों के पास देखने को मिलेगा।
कटिंग टूल्स के नाम - हेक्सॉ, रेती, छेनी, स्निप, शियरिंग मशीन, स्क्रैपर आदि।
स्ट्राइकिंग टूल्स किसे कहते हैं?
यह टूल्स (Tools) बल की तरह काम में लाए जाते हैं। इनका उपयोग ऐसे स्थानों पर किया जाता है जहां पर अधिक बल की आवश्यकता होती है। इनका उपयोग धातु को छेनी से काटते समय छेनी को बल देने के लिए किया जाता है। इनको हिंदी भाषा में 'चोट मारने वाले औजार' कहते हैं। यह मार्केट में मेटल व नॉन मेटल प्रकार के उपलब्ध रहते हैं।
नॉन मेटल वाले टूल्स जैसे - लकड़ी का बना हैमर। लकड़ी के बने हैमर को मैलेट कहा जाता है। यह आपको बक्से बनाने वालों के पास दिखने को मिलेगा। बक्से में उपयोग होने वाली चादर को मोड़ने के लिए मैलेट को उपयोग में लाया जाता है। इसके उपयोग से या इसके द्वारा चादर को पीटने पर चादर मुड़ जाती है और उस पर किसी भी प्रकार का निशान नहीं बनता है।
मेटल के बने टूल्स जैसे- धातु के बने हैमर/ हथौड़े इनका उपयोग प्रत्येक स्थान पर अलग-अलग होता है। अधिक बड़े हैमर का उपयोग फोर्जिंग शॉप में किया जाता है और हैंड हैमर का उपयोग आमतौर पर वर्कशॉप व घरों में भी ठोंकने या पीटने के लिए किया जाता है।
पियर्सिंग टूल्स किसे कहते हैं? | Piercing Tools kise kahate hain?
आपको यह नाम सुनकर समझ में नहीं आया होगा। इसको हिंदी भाषा में 'छिद्रण औजार' कहते हैं। यह ऐसे टूल्स होते हैं, जिनको द्वारा धातु चादर में होल करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। होल करने के लिए आपको फिटर वर्कशॉप में ड्रिल (drill) टूल देखने को मिलेगा। इसको हिंदी भाषा में 'मरोड़ी वर्मा' कहते हैं।
जब बहुत पतली चादर में होल करना होता है, तो उसके लिए कुछ पंच भी उपयोग में लाए जाते हैं। जो कि केवल होल करने के लिए ही बनाए गए हैं। जब आप पंच (Punch) के बारे में पढ़ोगे तो वहां पर आपको हॉलो पंच का नाम मिलेगा। जिसका काम केवल होल करना ही होता है।