- दुर्घटना किसे कहते हैं? | durghatna kise kahate hain
- दुर्घटना होने के कारण | durghatna hone ke karan
- काम में रूचि न होना
- काम करने में जल्दबाजी करना
- काम करते समय असावधानी बरतना
- काम करते समय उत्सुकता दिखाना
- काम करते समय अज्ञानता की कमी
- कार्यशाला में असुरक्षित ले-आउट का होना
- कार्यशाला में असुरक्षित हैंड टूल का होना
- कार्यशाला में स्वच्छता की कमी होना
- काम करने का अनुपयुक्त तरीका
- अनुशासन की कमी होना
- असुरक्षित पहनावा
- थकावट का होना
- प्रकाश की उचित व्यवस्था न होना
- नशे की आदत होना
- खतरे वाले पदार्थ के साथ सावधानी न बरतना
दोस्तों, आज की इस पोस्ट में durghatna के बारे में बात करने वाले हैं। दुर्घटना शब्द तो लगभग सभी लोगों से सुन रखा है। सभी लोग बोलचाल भी भाषा में जानते हैं कि दुर्घटना किसे कहते हैं? लेकिन दुर्घटना की परिभाषा प्रत्येक क्षेत्र में अलग-अलग होती है। लेकिन उसका अर्थ व परिणाम एक ही होता है। इस पोस्ट के माध्यम से आप आईटीआई (ITI) की प्रयोगशाला व इंडस्ट्रीज में किन कारणों से durghatna kise kahate hain हो सकती है। यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
दुर्घटना किसे कहते हैं? | durghatna kise kahate hain
यह एक ऐसी घटना है, जिसको कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। यह किसी वस्तु, पदार्थ या व्यक्ति की क्रिया या प्रतिक्रिया के कारण चोट लगने की संभावना बनी रहती है। कार्यशाला या इंडस्ट्रीज में जरा-सी असावधानी दुर्घटना (durghatna) का कारण बन सकती है।
दुर्घटना होने के कारण | durghatna hone ke karan
कार्यशाला (Workshop) में काम करते समय अर्थात् प्रैक्टिकल या जॉब बनाते समय निम्न कारणों से दुर्घटना हो सकती है, जो कि निम्न प्रकार से है-
- काम में रूचि न होना
- काम करने में जल्दबाजी करना
- काम करते समय असावधानी बरतना
- काम करते समय उत्सुकता दिखाना
- काम करते समय अज्ञानता की कमी
- कार्यशाला में असुरक्षित ले-आउट का होना
- कार्यशाला में असुरक्षित हैंड टूल का होना
- कार्यशाला में स्वच्छता की कमी होना
- काम करने का अनुपयुक्त तरीका
- अनुशासन की कमी होना
- असुरक्षित पहनावा
- थकावट का होना
- प्रकाश की उचित व्यवस्था न होना
- नशे की आदत होना
- खतरे वाले पदार्थ के साथ सावधानी न बरतना
काम में रूचि न होना
काम में रूचि न होने के कारण भी दुर्घटना हो सकती है। रुचि का अर्थ है काम में मन न लगना होता है। यह प्रत्येक कारीगर के लिए अलग-अलग हो सकता है। कारीगर काम में रुचि कोई पारिवारिक समस्या, कंपनी से पूरा पैसा न मिलना या थोड़ा मिलना, किसी झगड़े के कारण खो देता है। आईटीआई में वर्कशॉप में जॉब बनाते समय ट्रेनी भी रुचि खो देता है, तो वह भी durghatna का शिकार हो सकता है। इसलिए रूचि न हो तो ध्यान से काम करना चाहिए। अगर काम में मन न लगे तब काम करते समय सुरक्षा सावधानियों को ध्यान में रखकर काम करना चाहिए।
काम करने में जल्दबाजी करना
कंपनी में मालिक के दबाव के कारण अधिक प्रोडक्शन निकालने के लिए कारीगर को जल्दी-जल्दी काम करना पड़ता। जल्दबाजी के कारण भी durghatna होने की संभावना बढ़ जाती है।
काम करते समय असावधानी बरतना
कंपनियों में या वर्कशॉप में अधिकतर दुर्घटना असावधानी के कारण ही होती है। इसलिए काम करते समय कारीगर सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि असावधानी से होने वाले durghatna से स्वयं व दूसरे कारीगरों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। अतः काम करते समय काम की चिंता के साथ-साथ कारीगर को अपनी व दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए।
काम करते समय उत्सुकता दिखाना
उत्सुकता प्रत्येक मनुष्य के स्वभाव में बसी होती है। परन्तु उत्सुकता पर कंपनी में काम कर रहे कारीगरों को अंकुश लगाना होता है। अधिक उत्सुक मनुष्य भी durghatna का कारण बन जाता है।
काम करते समय अज्ञानता की कमी
कंपनी या वर्कशॉप में उपस्थित उपकरण, जिस उपकरण के बारे में पूरी जानकारी न हो तो उसके साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। जब तक उस उपकरण के बारे में पूरी जानकारी न हो तब तक उसको चलाना नहीं चाहिए। कारीगर कभी-कभी अपनी झूठी शान दिखाने के लिए उपकरणों के साथ छेड़छाड़ करने लगता है, जिससे वह मनुष्य दुर्घटना का कारण बन जाता है।
कार्यशाला में असुरक्षित ले-आउट का होना
असुरक्षित ले-आउट का अर्थ है, पर्याप्त स्थान का न होना। कंपनी या वर्कशॉप में मशीनों को स्थापित करते समय उनके लिए पर्याप्त स्थान छोड़ना चाहिए। लगभग कई बार मशीनों के बीच अपर्याप्त स्थान होने के कारण मशीनों के द्वारा भी durghatna घट सकती है।
कार्यशाला में असुरक्षित हैंड टूल का होना
लगभग ऐसा कुछ कारखानों में होता रहता है। कारखानों में मशीनों का रख-रखाव ठीक न होने के कारण मशीनें असुरक्षित अवस्था में भी उपयोग में लाई जाती हैं, जिसके कारण उसमें लगे टूल भी असुरक्षित होते हैं। इसी तरह से असुरक्षित हैंड टूल से भी दुर्घटना हो सकती है; जैसे- बैंटा फटा हुआ हथौड़ा या रेती तथा मशरूम हैडेड चीजल आदि।
कार्यशाला में स्वच्छता की कमी होना
किसी वर्कशॉप या कंपनी की मशीनों व फ्लोर सफाई न होने के कारण भी durghatna हो सकती है। जैसे- फ्लोर पर पड़े तेल पर पैर स्लिप होना, कहीं भी ठोकर लग जाना आदि।
काम करने का अनुपयुक्त तरीका
कई बार ऐसा होता है, कि अनजाने में कारीगर काम करने का गलत तरीका अपना लेता है। जिससे दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। जैसे- चलती हुई मशीन में तेल देना, बिना हैंडिल की रेती से रेताई करना, बिना स्टार्ट के बंद किए मशीन खोलना या चलती मशीन को हाथ से रोकना आदि।
अनुशासन की कमी होना
अनुशासन से तात्पर्य है, हंसी मजाक करना अर्थात् नियमों का उल्लंघन करना है। कारखाने में काम करने समय नियम के अनुसार हंसी-मजाक नहीं करना चाहिए। क्योंकि हंसी-मजाक करने पर काम से ध्यान विचलित हो जाता है। जो कि durghatna का कारण बन जाता है।
असुरक्षित पहनावा
कारखानों या वर्कशॉप में ढीले कपड़े वर्जित होते हैं। उसमें आवश्यकतानुसार ही कपड़ों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा कारीगर के बाल भी लंबे नहीं होने चाहिए। ढीले कपड़े, टाई, मफलर व लंबे बाल आदि दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।
थकावट का होना
कभी-कभी कारीगर बीमार या शरीर में दूसरी अन्य समस्याओं के होते हुए। वर्कशॉप या कंपनी में काम करने आ जाता है। इसके कारीगर अपनी क्षमता से अधिक काम करता है तब वह दुर्घटना का कारण बन जाता है।
प्रकाश की उचित व्यवस्था न होना
वर्कशॉप या कंपनी में किसी मशीन या हैड टूल द्वारा काम करते समय प्रकाश की कमी के कारण भी चोट लग सकती है। प्रकाश की उचित व्यवस्था न होने के कारण कारीगर अच्छी तरह से देख नहीं पाता है, कि कब उसको मशीन को रोक देना चाहिए। या हैंड टूल चलाते समय वह नहीं देख पाता कि टूल मेरा रेंज से बाहर जा रहा है। जो कि बाद में जाकर वह durghatna का कारण बन जाता है।
नशे की आदत होना
आपको कंपनी में या आईटीआई इंस्टीट्यूट में भी ट्रेनी मिलेंगे। आमतौर पर भी लोग मिल जाएंगे। जो कि मादक पदार्थों का सेवन करते हैं। कंपनी या कारखानों में काम करने वाले कारीगर नशा करके काम करने चले जाते हैं, जो कि स्वयं के साथ दूसरों के लिए भी दुर्घटना का कारण बन जाते हैं।
खतरे वाले पदार्थ के साथ सावधानी न बरतना
कारखानों में कई कारीगर काम करते समय दिए गए नियमों का पालन नहीं करते हैं। जहां पर प्रत्येक के बारे में सुरक्षा व सावधानियां बताई गई होती हैं। जिस कारखानों में खतरे वाले पदार्थ बनते हैं अर्थात् विस्फोट या ज्वलनशील पदार्थ के कारखानों में कारीगर को सावधानी बरतनी चाहिए। जो कारीगर दी गई सावधानियां नहीं बरतता है। वह स्वयं के साथ पूरे कारखाने के लिए durghatna का कारण बन जाता है।