- वर्नियर कैलिपर किसे कहते हैं? | Vernier Calliper Kise kahate hain?
- वर्नियर कैलिपर किस धातु का बना होता है?
- वर्नियर कैलिपर का सिद्धांत
- वर्नियर कैलिपर की संरचना | Vernier Calliper ki Sanrachna
- वर्नियर कैलिपर का अल्पतमांक | Vernier Calliper ka Alpatmank
दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम वर्नियर कैलिपर के बारे में बात करने वाले हैं। वर्नियर कैलिपर (Vernier Calliper) का नाम आपने 12th क्लास के Physics Subject में या आईटीआई (ITI) के टेक्निकल ट्रेड में सुना होगा। यदि आप वर्नियर कैलिपर के बारे में सरल शब्दों में जानकारी पाना चाहते हो तो आपको इस पोस्ट के माध्यम से सही जानकारी मिलेगी।
वर्नियर कैलिपर किसे कहते हैं? | Vernier Calliper Kise kahate hain?
यह एक सूक्ष्ममापी यन्त्र होता है। यह सिर्फ एक ऐसा टूल है, जिसके माध्यम से जॉब का बाहरी व्यास, अंदरुनी व्यास या अंदरुनी चौड़ाई व गहराई को मापा जा सकता है। इन तीनों मापों को तो स्टील रूल से भी माप लेकर माप का पता लगा सकते हैं, लेकिन वह माप अधिक सूक्ष्म नहीं होती है।
वर्नियर कैलिपर (Vernier Calliper) के द्वारा मीट्रिक पद्धति में 0.02 मिमी तक की सूक्ष्म माप को माप सकते हैं, लेकिन स्टील रूल (Steel Rule) से मीट्रिक पद्धति में 0.5 मिमी तक की माप को माप सकते हैं। इससे कम माप को नहीं माप सकते हैं। इसलिए इस टूल का अधिकतर उपयोग फिटिंग शॉप में सबसे अधिक किया जाता है।
वर्नियर कैलिपर किस धातु का बना होता है?
यह आपको मार्केट में दो प्रकार के मैटीरियल के बने मिलेंगे। जिसमें से यह आपको निकले क्रोमियम स्टील का बना मिलेगा या तो वेनेडियम स्टील बना मिलेगा।
वर्नियर कैलिपर का सिद्धांत
सबसे हम सिद्धांत शब्द के बारे में कुछ बात कर लेते हैं। प्रत्येक टूल किसी न किसी सिद्धांत पर काम करता है। सिद्धांत का अर्थ होता है, "काम करने का तरीका"। वर्नियर कैलिपर (Vernier Calliper) दो स्केलों, जिसमें से एक मेन स्केल व दूसरी वर्नियर स्केल के अंतर के सिद्धांत पर काम करता है।
वर्नियर कैलिपर की संरचना | Vernier Calliper ki Sanrachna
इसके अंतर्गत हम वर्नियर कैलिपर के सभी भागों के बारे में विस्तृत से बात करेंगे। इसके भाग निम्न प्रकार से हैं-
- मेन स्केल - वर्नियर कैलिपर (Vernier Calliper) का यह भाग साधारण स्टील रूल (Steel Rule) की तरह चौड़ा होता है। इस पर उसी की तरह मीट्रिक व ब्रिटिश पद्धति के निशान बने होते हैं। यह स्टील रूल की अपेक्षा मोटा अधिक होता है। इसको 'बीम' के नाम से भी जाना जाता है। इसके नीचे साइड में चल जबड़ा स्लाइड करता है और मेन स्केल से स्थिर जबड़ा व स्थिर निब जुड़े होते हैं। मेन स्केल (Main Scale) के पीछे साइड में एक खांचा बना होता है, जिसमें डैप्थ रॉड स्लाइड करती है।
- वर्नियर स्केल - यह वर्नियर कैलिपर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है, जिसकी मदद से सूक्ष्मता से माप ली जाती है। इसके निचले सिरे पर मीट्रिक पद्धति व ऊपरी सिरे पर ब्रिटिश पद्धति के चिन्ह अंकित होते हैं। यह भाग स्लाइड से जुड़ा हुआ होता है।
- चल जबड़ा - यह भाग स्लाइड से से जुड़ा हुआ होता है। इसको आगे-पीछे खिसकाकर माप के लिए जॉब से सटाया जाता है। इसका उपयोग किसी वस्तु का बाहरी व्यास या बाहरी चौड़ाई को सूक्ष्मता से ज्ञात करने में किया जाता है।
- स्थिर जबड़ा - वर्नियर कैलिपर (Vernier Calliper) का यह भाग मेन स्केल के जुड़ा हुआ होता है। इसका उपयोग किसी वस्तु का बाहरी व्यास या बाहरी चौड़ाई को सूक्ष्मता से ज्ञात करने में किया जाता है।
- चल निब - यह भी स्लाइड से जुड़ी होती है। इसका उपयोग किसी वस्तु का अंदरूनी व्यास या स्लॉट की चौड़ाई को सूक्ष्मता से ज्ञात करने में किया जाता है।
- स्थिर निब - यह भाग मेन स्केल से जुड़ा होता है। इसका उपयोग किसी वस्तु का अंदरूनी व्यास या स्लॉट की चौड़ाई को सूक्ष्मता से ज्ञात करने में किया जाता है।
- डैप्थ रॉड - डैप्थ रॉड स्लाइड से में स्केल के पीछे जुड़ी होती है। इसका उपयोग किसी स्लॉट की गहराई को सूक्ष्मता से ज्ञात करने में किया जाता है।
- फाइन एडजस्टमेंट स्क्रू - वर्नियर कैलिपर के इस भाग से बहुत बारीक माप को एडजस्ट किया जाता है। इसको थम्ब स्क्रू के नाम से भी जाना जाता है। इसको थम्ब स्क्रू इसलिए कहते हैं, कि जब वर्नियर कैलिपर को उपयोग में लाया जाता है तब बारीक माप को एडजस्ट करने के दाहिने हाथ के अंगूठे को उपयोग में लाया जाता है। इसके ऊपरी स्किन पर नर्लिंग की गई होती है।
- लॉकिंग स्क्रू - वर्नियर कैलिपर के इस भाग का उपयोग स्लाइड को लॉक करने में किया जाता है। इसका उपयोग उस समय किया जाता है, जब फाइन एडजस्टमेंट स्क्रू से माप को ले लिया जाता है। स्लाइडर को लॉक करने से, स्लाइडर खिसक नहीं पाता है और माप एक्युरेसी प्राप्त हो जाती है।
वर्नियर कैलिपर का अल्पतमांक | Vernier Calliper ka Alpatmank
किसी वर्नियर कैलिपर के द्वारा ली जा सकने वाली कम-से-कम माप, उसकी अल्पतमांक कहलाती है। वर्नियर कैलिपर का अल्पतमांक मीट्रिक पद्धति में 0.02 mm व ब्रिटिश पद्धति में 0.001 inch होता है।
मीट्रिक पद्धति में वर्नियर कैलिपर का अल्पतमांक कैसे निकालें?
जिन वर्नियर कैलिपर के मेन स्केल पर 0.5 mm व 1 mm के निशान बने होते हैं, उनका अल्पतमांक निम्न प्रकार से निकालते हैं-
इस तरह के वर्नियर कैलिपर के 1 mm के 12 भाग या 0.5 mm के 24 भाग वर्नियर स्केल के 25 भाग के बराबर होते हैं। यह आपको वर्नियर कैलिपर हाथ आते ही चैक करना होगा।
उसके बाद आप मेन स्केल व वर्नियर स्केल के 1 भाग का मान निकालिए।
यदि मेन स्केल के 1 भाग पर 0.5 मिमी है तो उसके वर्नियर स्केल के एक भाग का मान निम्न प्रकार से निकालेंगे।
वर्नियर स्केल के 25 भाग मेन स्केल के 12 भागों के बराबर होते हैं, तब
वर्नियर स्केल के 1 भाग का मान = 12/25 = 0.48 mm
अब आपको इतनी जानकारी मिल गई है, अब वर्नियर कैलिपर का अल्पतमांक निकालने वाला सूत्र का उपयोग करेंगे-
अल्पतमांक = मेन स्केल के एक भाग का मान - वर्नियर कैलिपर के एक भाग का मान
अल्पतमांक = 0.5 - 0.48
अल्पतमांक = 0.02 mm
ब्रिटिश पद्धति में वर्नियर कैलिपर का अल्पतमांक कैसे निकालें?
इस पद्धति में, एक इंच को 10 बराबर भागों में और मेन डिवीजन के एक भाग को 4 बराबर अनुभागों में बांटा जाता है। इस तरह से मेन स्केल के एक भाग का मान 0.1 व एक अनुभाग का मान 0.025 inch (1/40 inch) होता है।
जिस वर्नियर कैलिपर के वर्नियर स्केल पर 25 भाग मेन स्केल के 24 भागों के बराबर होते हैं।
वर्नियर स्केल के 25 भागों का मान = मेन स्केल के 24 भागों का मान या 24/40 inch
Vernier Scale के एक भाग का मान = 24/40*25
Vernier Scale के एक भाग का मान = 0.024 inch
अल्पतमांक = 0.025 - 0.024
अल्पतमांक = 0.001 inch