मार्किंग मीडिया (Marking Media) एक प्रकार का पेस्ट होता है, जोकि वर्कशॉप में जॉब को बनाते समय मार्किंग (Marking) करने से पहले जॉब की सतह पर लगाया जाता है। इसके उपयोग से जॉब की सतह पर मार्किंग करने में आसानी होती है। इस पोस्ट में आपको इसकी परिभाषा व प्रकार के बारे में जानकारी मिलेगी यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
मार्किंग मीडिया क्या है?
वर्कशॉप में किसी जॉब की सतह पर मार्किंग करने से पहले रंग या रंग के समान पेस्ट लगाया जाता है, उसे मार्किंग मीडिया (Marking Media) कहते हैं। फिटर वर्कशॉप में किसी जॉब को जरूरत के अनुसार आकार में काटने या कोई शेप में बनाने के लिए उस पर सबसे पहले मार्किंग की जाती है।
जॉब पर मार्किंग पहले से तैयार ड्राइंग या ब्लू प्रिंट के अनुसार की जाती है। इसको करने के लिए मार्किंग मीडिया की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। यदि मार्किंग मीडिया का उपयोग न किया जाए तो जॉब पर एक्युरेट माप नहीं कर पाएंगे। इसलिए प्रत्येक वर्कशॉप में इसकी बहुत अधिक आवश्यकता होती है।
मार्किंग मीडिया के प्रकार
यह चार प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
- सफेद रंगाई
- पर्शियन ब्लू
- नीले थोथे का घोल
- सेल्युलोज लैक्युअर
सफेद रंगाई क्या है?
सफेद रंगाई को जॉब की सतह पर करने के लिए कई प्रकार के घोल बनाए जाते हैं, जिनमें से चार के नाम निम्न प्रकार से हैं-
- साधारण ब्लैक बोर्ड चॉक का पानी में घोल।
- साधारण चॉक का मिथाइलेटेड स्प्रिट में घोल।
- लाल लैड पाउडर का तारपीन में घोल।
- सफेद लैड पाउडर का तारपीन के तेल में घोल।
इस प्रकार का मार्किंग मीडिया सबसे अधिक उपयोग में लाया जाता है। इसका उपयोग कास्टिंग (Casting) या फोर्जिंग (Forging) की गई सतहों पर मार्किंग करने के लिए किया जाता है। इसको लोहे की सतह पर लगाने पर मोटी परत बन जाती है, जिसके कारण यह महीन कामों के लिए उपयोगी नहीं होता है। ऐसे स्थानों पर स्प्रिट या तारपीन के तेल में बने घोल का ही उपयोग करना चाहिए।
पर्शियन ब्लू क्या है?
इस प्रकार के मार्किंग मीडिया का उपयोग मशीनिंग (Machining) की गई सतहों पर किया जाता है। यह सूखने में अधिक समय लगाता है। परन्तु इसकी परत जॉब की सतह पर बहुत महीन फैलती है। इसके उपयोग से जॉब पर बहुत स्पष्ट व एक्युरेट मार्किंग (Marking) प्राप्त होती है।
नीले थोथे का घोल क्या है?
इस प्रकार के मीडिया का उपयोग स्टील (Steel) के जॉब के लिए किया जाता है, इसके उपयोग से बहुत एक्युरेट मार्किंग की जा सकती है। इसको जॉब की सतह पर उपयोग में लाने से पहले सतह से तेल या ग्रीस को साफ कर देना चाहिए।
इस मार्किंग मीडिया को बनाने के लिए नीले थोथे को पानी में घोलकर एक नीले रंग का घोल प्राप्त किया जाता है। जब इसको अधिक के क्रियाशील बनाने की जरूरत होती है, तब इसमें कुछ बूंदें नाइट्रिक एसिड की मिला दी जाती हैं। जब इसको जॉब की सतह पर लगाया जाता है तब उसकी सतह को कॉपर (Copper) के रंग में बदल दिया जाता है।
सेल्युलोज लैक्युअर क्या है?
इसको 'ले-आउट डाई' के नाम से भी जाना जाता है। यह बहुत जल्दी सूख जाता है। इसके उपयोग से जॉब पर मार्किंग बहुत साफ-सुथरी होती है।