- गियर कितने प्रकार के होते हैं? | Gear kitne prakar ke hote hain?
- स्पर गियर किसे कहते हैं?
- स्पाइरल बेवेल गियर किसे कहते हैं?
- बेवेल गियर किसे कहते हैं?
- स्ट्रैट टूथ बेवेल गियर किसे कहते हैं?
- हेलिकल गियर किसे कहते हैं?
- माइटर गियर किसे कहते हैं?
- हैरिंग बोन गियर किसे कहते हैं?
- वर्म एण्ड वर्म व्हील किसे कहते हैं?
- हाइपॉइड गियर किसे कहते हैं?
- रेक एण्ड पिनियन गियर किसे कहते हैं?
गियर (Gear) पावर ट्रांसमिशन का एक एलीमेंट होता है। यह मैकेनिकल मशीनों (Machines) में उपयोग किया जाता है। यह घूर्णन गति पर काम करता है। गियर की परिधि पर दांते बने होते हैं। एक गियर दूसरे गियर को दांतों द्वारा पावर को घूर्णन गति द्वारा ट्रांसफर करता है। गियर आपको साईकिल, बाइक में आमतौर पर देखने को मिल जाएगा। दोस्तों, इस पोस्ट के माध्यम से आपको गियर के प्रकार के बारे में जानकारी मिलेगी।
गियर कितने प्रकार के होते हैं? | Gear kitne prakar ke hote hain?
गियर (Gear) 10 प्रकार के होते हैं, प्रत्येक गियर का काम भिन्न-भिन्न तरीके से करने का होता है। जो कि निम्न प्रकार से हैं-
- स्पर गियर
- स्पाइरल बेवेल गियर
- बेवेल गियर
- स्ट्रैट टूथ बेवेल गियर
- हेलिकल गियर
- माइटर गियर
- हैरिंग बोन गियर
- वर्म एण्ड वर्म व्हील
- हाइपॉइड गियर
- रेक एण्ड पिनियन गियर
स्पर गियर किसे कहते हैं?
इस प्रकार के गियर में दांते अक्ष के समानांतर होते हैं। इन गियरों का उपयोग समान्तर शाफ्टों पर पावर को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। यदि दो स्पर गियर को आपस में फिट करके चलाया जाए, तब दोनों गियरों की घूमने की दिशा आपस में विपरीत होती है। इन गियरों में समान दिशा में गति प्राप्त करने के लिए दोनों गियरों के बीच में एक आइडल (Idle) गियर को लगाया जाता है। आइडल गियर का प्रभाव ट्रेन के वेगानुपात पर नहीं पड़ता है।
इस गियर (Gear) से पावर ट्रांसफार (Power Tranfor) करने के लिए दो प्रकार की ट्रेन (Train) बनाई जाती हैं।
- साधारण गियर ट्रेन (Simple gear train)
- कम्पाउण्ड गियर ट्रेन (Compound gear train)
स्पाइरल बेवेल गियर किसे कहते हैं?
इस प्रकार के गियरों के दांते हेलिकल युक्त होते हैं। इनके दांते लंबाई के साथ में अनुदैर्ध्य रूप से ढके होते हैं। इन गियरों (Gears) का उपयोग ऐसे स्थानों पर किया जाता है, जहां पर दो शाफ्टों को एक दूसरे से 90 डिग्री पर चलाया जाता है।
बेवेल गियर किसे कहते हैं?
बेवेल गियर (Bevel Gear) का उपयोग गति की दिशा को बदलने के लिए किया जाता है। इन गियर के फेस को तिरछा बनाया जाता है और इस पर दांते इस प्रकार से बनाए जाते हैं, कि वह आपस में मिलकर घूम सकें। इसलिए इसके फेस पर सीधे, स्पाइरल व हेलिकल टाइप के बने हो सकते हैं।
स्ट्रैट टूथ बेवेल गियर किसे कहते हैं?
इन गियरों में दांते सीधे बने होते हैं, इसलिए इनका उपयोग साधारण गति ट्रांसफर करने में किया जाता है। यह आपको अन्य की अपेक्षा मार्केट में सस्ते रेट पर मिल जाएंगे।
हेलिकल गियर किसे कहते हैं?
स्पर गियर की कुछ कमियों को दूर करने व स्पर गियर की अपेक्षा अधिक पावर ट्रांसमिट करने के लिए हेलिकल गियर (Helical Gear) को बनाया गया है। स्पर गियर के एक दांत के द्वारा एक समय पर ही पावर ट्रांसमिट होता है, जिसके कारण यह अधिक आवाज करता है। लेकिन हेलिकल गियर में इस कमी को दूर किया जाता है।
हेलिकल गियर के दांते इसकी अक्ष से एक कोण पर होते हैं, जिसके कारण इसमें एक समय पर दो या दो से अधिक दांते एक साथ मिलकर पावर ट्रांसमिट करते हैं और यह दांतों की संख्या अधिक होने के कारण आवाज भी कम करते हैं। हेलिकल गियर में एक साथ दो या दो से अधिक दांते आपस में मिलकर चलने के कारण अधिक पावर को ट्रांसमिट करने की क्षमता रखते हैं।
हेलिकल गियर का उपयोग समांतर शाफ्टों पर पावर ट्रांसमिट करने के लिए किया जाता है। यह सिंगल व डबल हेलिकल प्रकार के होते हैं। सिंगल हेलिकल गियर चलते समय शाफ्ट (Shaft) के एक ही सिरे पर दाब डालते हैं, जिसके कारण इस समस्या से बचने के लिए शाफ्ट पर थ्रस्ट बियरिंग (Thrust bearing) को उपयोग में लाना पड़ता है। लेकिन डबल हेलिकल गियर में ऐसी किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।
माइटर गियर किसे कहते हैं?
माइटर गियर (Miter Gear), बेवेल गियर के समान होते हैं, इन गियरों की शाफ्ट की अक्ष परस्पर 90° पर होती है और दोनों गियर समान आकार के होते हैं।
हैरिंग बोन गियर किसे कहते हैं?
यह डबल हेलिकल गियर का एक विशिष्ट प्रकार होता है। यह शीर्ष से विपरीत हाथ के दो हेलिकल गियरों का साइड टू साइड कॉम्बीनेशन होता है। हैरिंग बोन गियर का हेलिकल ग्रूव, अंग्रेजी के अक्षर 'V' जैसा दिखाई देता है। इनका उपयोग अधिक गति व अधिक भारों के लिए किया जाता है।
वर्म एण्ड वर्म व्हील किसे कहते हैं?
यह दो भागों से मिलकर बना होता है, जिसमें से एक का नाम वर्म व दूसरे का नाम वर्म व्हील है। वर्म व वर्म व्हील की शाफ्ट आपस में काटती है। इस गियर का काम चालक की चाल को कम करने के लिए किया जाता है। इसमें से वर्म (Worm) चालक (driver) का काम करता है और वर्म व्हील (Worm wheel) चलक (driven) का काम करता है। इसके द्वारा कम पावर का ट्रांसमिशन संभव है। इसका उपयोग अधिक भार उठाने वाली मशीनों (Machines) में किया जाता है।
हाइपॉइड गियर किसे कहते हैं?
इस गियर का उपयोग ऑटोमोबाइल (Automobile) के अंदर डिफ्रैन्शियल गियर बॉक्स में किया जाता है। यह गियर एक प्रकार का बेवेल गियर का सैट होता है। इस गियर (Gear) के दांतों की आकृति स्पाइरल व बीच में से उभार लिए हुए परवलयाकार होती है।
रेक एण्ड पिनियन गियर किसे कहते हैं?
यह गियर दो भागों से मिलकर बना होता है, जिसमें से एक का नाम रेक (Rack) व दूसरा भाग पिनियन गियर (Pinion Gear) होता है। रेक व पिनियन गियर पर समान दांते बने होते हैं।
रेक (Rack) रेखीय गति करती हैं और पिनियन गियर (Pinion Gear) घूर्णन गति करती है। इस प्रकार के मैकेनिज्म (Mechanism) से रेखीय गति को घूर्णन गति में और घूर्णन गति से रेखीय गति में बदला जा सकता है। इस प्रकार के गियर (Gear) का उपयोग मशीनों के स्लाइडों (Slides) को चलाने के लिए किया जाता है।