ट्रेमल (Trammel) में स्क्राइबर (Scriber) की तरह नुकीला प्वाइंट होता है और यह डिवाइडर (Divider) की तरह ही डिवाइडर की अपेक्षा बड़े वृत बनाने या चाप लगाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसके अलावा और भी बहुत सारे काम ट्रेमल के द्वारा वर्कशॉप में किया जाता है।
ट्रेमल किसे कहते हैं?
यह एक मार्किंग टूल (Marking Tool) होता है। इसलिए इसका उपयोग वर्कशॉप में बड़े जॉबों पर मार्किंग करने व वृत्त खींचने में किया जाता है। इसमें एक बीम भाग होता है, जो कि स्टील का बनाया गया होता है। यह भी एक निश्चित साइज में बनाया गया होता है।
ट्रेमल के बीम की लंबाई 15 सेमी से 50 सेमी तक होती है। इसलिए इसके द्वारा अधिक 50 सेमी त्रिज्या का वृत्त खींचा जा सकता है। बीम पर दो हैड फिट किए हुए रहते हैं, जो कि मार्किंग करने में बहुत बड़ा रोल निभाते हैं। इन्हीं को खिसकाकर एक निश्चित दूरी पर फिट किया जाता है।
दोनों हैड के ऊपरी सिरे पर क्लैम्पिंग नट (Clamping) नट लगे होते हैं। जिस पर नर्लिंग की गई होती है। इन्हीं नट (Nut) को पकड़कर परकार की तरह ट्रेमल (Trammel) को उपयोग में लाया जाता है। दोनों हैड के नीचे की साइड में एक-एक Collect Chuck लगा होता है, जिसके द्वारा प्वाइंट को फंसाया जाता है।
दोनों हैड में से एक हैड से सैडल (Saddle) भाग जुड़ा रहता है, जो कि वर्नियर कैलिपर (Vernier Calliper) में के भाग फाइन एडजस्टमेंट स्क्रू (Fine Adjustment Screw) की तरह काम करता है। Trammel के द्वारा मार्किंग करने के लिए हैड के बीच की दूरी को स्टील रूल (Steel Rule) की मदद से स्थानांतरित किया जाता है।
ट्रेमल की सुरक्षा सावधानियां
इसको उपयोग में लाने के उपरांत प्वाइंट पर तेल (Oil) लगाकर रखना चाहिए।
इसको किसी भी प्रकार के मेजरिंग टूल के साथ नहीं रखना चाहिए।
ट्रेमल को कभी भी अधिक कठोर जॉब पर उपयोग नहीं करना चाहिए।
दोनों स्लाइडिंग हैड में से एक हैड को एक स्थान पर फिक्स करके दूसरे को खिसकाकर Trammel में दूरी को घटाना-बढ़ाना चाहिए।