- Hammer kise kahate hai?
- Hammer ke bhag
- Hammer kiska bana hota h?
- Hammer kitne prakar ke hote hain?
- Hammer ki Suraksha Savdhaniyan
Hammer का वर्कशॉप में मुख्य रूप से उपयोग किसी धातु को ठोकने पीटने के लिए किया जाता है। इसके भाग 'Head' से ही सारे काम किए जाते हैं। प्रत्येक हैमर में एक वजन के अनुसार हैंडल लगा होता है। यह 'Head' के आकृति के आधार पर भी अलग-अलग मार्केट में मिलते हैं।
Hammer kise kahate hai?
फिटर (Fitter) की वर्कशॉप में सबसे अधिक उपयोग में आने वाला हस्त औजार, जिसके द्वारा रिवेट को फोर्ज करने में, कील ठोकने में, टाइट-फिट मशीन या जॉब के भागों को फिट करने व निकालने में, टेढ़े-मेढ़े पार्ट को सीधा करने में, छेनी से धातु को काटकर अलग करने में आदि काम किए जाते हैं, उस हस्त औजार को Hammer कहते हैं।
हैमर के द्वारा वर्कशॉप में जब किसी धातु को ठोक या पीटकर गर्म करने की जरूरत होती है तब फोर्जिंग प्रोसेस (Forging Process) किया जाता है। इसके लिए आवश्यक चोट या आघात Hammer के द्वारा किया जाता है। इसके अलावा रिवेटिंग प्रोसेस, बैण्डिंग प्रोसेस व चिपिंग प्रोसेस में भी हैमर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रत्येक प्रोसेस को करने से पहले काम के अनुसार हैमर का चुनाव करना पड़ता है। यह सभी जानकारी आपको नीचे हैमर के प्रकार में मिल जाएगी। तो बने रहिए।
यह एक स्ट्राइकिंग डिवाइस है। हस्त औजारों में से सबसे अधिक इसका उपयोग वर्कशॉप में किया जाता है।
Hammer ke bhag
दोस्तों, इस हेडिंग के अंदर आपको Hammer के सभी भाग की जानकारी मिल जाएगी। यह भाग सभी हैमर में आपको देखने को मिलेंगे। लेकिन कुछ हैमर के कुछ भाग में भिन्नता अवश्य देखने को मिलेगी। इसके निम्नलिखित भाग होते हैं-
- हैण्डिल- हैमर के इस भाग को ही हाथों से पकड़ा जाता है और आवश्यक बल इसी भाग से मनुष्य हैमर को देता है। यह लकड़ी (Wood) का बना होता है। लकड़ी एक कुचालक पदार्थ होता है और इसमें फ्लैक्सिबिलिटी गुण भी पाया जाता है। जब हैमर से ठोंका या पीटा जाता है तब हाथों पर बहुत कम आघात का अनुभव होता है। यदि हैण्डिल लोहे का लगा दिया जाए तो मनुष्य को भी काफी अधिक आघात या चोट का सामना करना पड़ेगा।
- आई होल- Hammer के इसी भाग में हैण्डिल (Handle) को फिट किया जाता है। यह भाग अण्डाकार (Ellipsoid) का बना होता है अर्थात् इसकी शेप हमारी आंखों की तरह होती है इसलिए इसको आई होल (Eye hole) कहते हैं। कभी-कभी हैण्डिल को मजबूती से कसने के लिए होल में हैण्डिल को डालकर वैज (Wedge) को लगा दिया जाता है।
- पीन(Peen)- इस भाग की आकृति अलग-अलग होती है। जिसमें से बॉल पीन, सीधा पीन व क्रॉस पीन के होते हैं।
- फेस (Face)- Hammer का यह भाग पीन भाग के विपरीत होता है। हैमर यह एक ऐसा भाग है, जो कि आकार में चपटा होता है। इस भाग के द्वारा ही धातु चादर या रिवेट आदि पर चोट मारी जाती है।
- चीक(Cheek)- हैमर का यह भाग फेस व पीन के बीच में होता है। यह भाग मुलायम (Soft) होता है। यह पीन व फेस से आने वाले विपरीत आघात को सहन करता है। जिससे हैमर में कम चोट का एहसास होता है अर्थात् यह हैमर टूटता नहीं है। इसको दूसरे नाम पोस्ट (Post) भी कहा जाता है।
Hammer kiska bana hota h?
ऐसे हैमर, जिनका उपयोग फिटिंग व मशीन शॉप में किया जाता है। वह कास्ट स्टील या कार्बन स्टील को फोर्ज करके बनाए हुए होते हैं। इनको मजबूती देने के लिए फोर्जिंग के बाद 'Face' व 'Peen' को हार्ड व टैम्पर किया जाता है।
Hammer kitne prakar ke hote hain?
यह वजन के आधार पर मुख्यत: पांच प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
- हैंड हैमर
- शॉफ्ट हैमर
- क्लॉ हैमर/जंबूर हैमर
- घन हैमर
- शक्ति हैमर
Hand Hammer kise kehte hai?
हैंड हैमर (Hand Hammer) एक हाथ (Hand) का उपकरण या टूल है, जिसका किसी धातु पर बल को ट्रांसफर करने या चोट मारने में उपयोग किया जाता है। इसके नाम से ही विदित् होता है कि इनका उपयोग हल्के कामों को करने के लिए किया जाता है। यह मार्केट में 0.125 kg से 1.5 kg तक होता है। इनके हैण्डिल की लंबाई प्रायः 25 से 35 सेमी होती है। यह हैमर मुख्यत: पीन के आकार के आधार पर चार प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
- बॉल पीन हैमर- इसके नाम से ही आपके समझ में आ रहा होगा। ऐसा हैमर जिसका पीन भाग बॉल (गेंद) के समान होता है वह बॉल पीन हैमर कहलाता है। इसका दूसरा भाग फेस (Face) अन्य हैमर की तरह चपटा होता है। इसका अधिकतर उपयोग रिवेटिंग प्रोसेस में किया जाता है। इसकी पीन बॉल के समान गोल होने के कारण रिवेट पर गोल चोट पड़ने से रिवेट की टेल आसानी से चारों ओर फैल जाती है। इसके अतिरिक्त इसका उपयोग चिपिंग व मार्किंग करने में भी किया जाता है।
- क्रॉस पीन हैमर- ऐसा हैमर जिसके पीन की अक्ष हैण्डिल के अक्ष के ठीक 90° पर होती है, उसे क्रॉस पीन हैमर कहते हैं। इसकी पीन का आकार अंग्रेजी के अक्षर वी (V) के उल्टी वी (^) के समान होती है। इसका भी फेस चपटे आकार का होता है। यह आपको बाजार या मार्केट में 0.125 kg से 1.5 kg तक मिल जाएंगे।
- स्ट्रेट पीन हैमर- ऐसा Hammer जिसकी पीन की अक्ष (Axis) हैण्डिल के अक्ष के समान होती है, उसे स्ट्रेट पीन हैमर कहते हैं। इसका भी फेस चपटा होता है और यह भी मार्केट में 0.125 kg से 1.5 kg तक मिल जाएंगे। इसका उपयोग धातु को साइडों में फैलाने या सीधे कोने में चोट मारने के लिए किया जाता है।
- डबल फेस हैमर- इस हैमर में दो फेस होते हैं। इसमें पीन भाग नहीं होता है। इसको फ्लैट पीन हैमर (Flat Peen Hammer) भी कहते हैं। इसका उपयोग दोनों फेसों से जॉब पर चोट मारने में किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग बड़े रिवेट के कप टूल (Cup Tool) के ऊपर चोट मारने में किया जाता है।
Soft Hammer kise kahte hai in hindi
ऐसे Hammer, जिनके उपयोग से कार्यखण्ड (Workpiece) पर निशान नहीं पड़ते हैं, उनको शॉफ्ट हैमर कहते हैं। जब कभी भी वर्कशॉप में जॉब पर हैमरिंग की जरूरत होती है और हैमरिंग का जॉब की सर्फेस पर निशान न बने तब इसको use किया जाता है। इनको अधिकतर तैयार माल पर हैमरिंग करने में किया जाता है। इसके अलावा इनका उपयोग बियरिंग (Bearing) को चढाने या उतारने में किया जाता है। यह प्राय: लकड़ी, कॉपर, नायलॉन, प्लास्टिक, कच्चा चमड़ा या कठोर रबड़ के बने होते हैं। यह मैटीरियल के आधार पर पांच प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
- मैलेट (Mallet)- ऐसे हैमर, जो लकड़ी (Wood) के बने होते हैं, उनको मैलेट कहते हैं। इनका अधिकतर उपयोग धातु चादर के कामों में किया जाता है। यह आपको बक्से बनाने वाली वर्कशॉप में देखने को मिल जाएंगे। यह प्राय: इमली, शीशम , कीकर व टीक के बने होते हैं।
- कच्चे चमड़े का हैमर- यह डबल फेस हैमर (Double Face Hammer) के समान होता है। यह इस्पात (Steel) का बनाया जाता है। इसके दोनों फेसों पर कच्चे चमड़े के टुकड़ों को लगा दिया जाता है। इसके द्वारा जॉब या कार्यखण्ड पर चोट मारने से निशान नहीं बनते हैं।
- प्लास्टिक हैमर (Plastic Hammer)- इसकी भी बॉडी कच्चे चमड़े के हैमर के समान बनी होती है। इसकी बॉडी लोहे (Iron) की बनी होती है। इसके दोनों फेसों पर रबड़ या प्लास्टिक के पैड फिट किए जाते हैं। जिससे जॉब की सतह (Surface) पर निशान नहीं बनते हैं। हल्की चोट मारने के लिए इन हैमर को उपयोग में लाया जाता है।
- नायलॉन हैमर- इसकी बॉडी व संरचना प्लास्टिक हैमर के समान होती है। इसके दोनों फेसों पर नायलॉन के पैड कसे हुए होते हैं। नायलॉन (Nylon) एक चिम्मड़ पेट्रोलियम पदार्थ होता है। इसमें चिम्मड़पन का गुण होने के कारण धक्का सहन करने की अधिक क्षमता होती है। इस प्रकार के हैमर का उपयोग टूल रूम (Tool-room), एरोनॉटिक शॉप में अधिक किया जाता है।
- लैड हैमर- यह हैमर Lead धातु का बना होता है, इसलिए इसे लैड हैमर (Lead Hammer) कहते हैं। इसको अधिक भारी कामों के लिए उपयोग में नहीं लाया जा सकता है। इसका अधिकतर उपयोग असेम्बली में चोट मारने के लिए किया जाता है।
Claw Hammer kise kahate hain in hindi?
Claw Hammer का उपयोग बढ़ई (Carpenter) द्वारा लकड़ी में कील को ठोकने या निकालने के लिए किया जाता है। इसका पीन कील के हैड को फंसाने के लिए झिर्री काटकर एक चिमटा बना हुआ होता है और इसका फेस अन्य हैमर की तरह चपटा होता है। इसके फेस से कील को ठोकने व पीन से कील को निकालने के लिए बढ़ई उपयोग में लाते हैं।
घन हैमर किसे कहते हैं?
इसका अधिकतर उपयोग फोर्जिंग प्रोसेस में धातु को फोर्ज करने में किया जाता है। इसके अलावा भारी चोट मारकर डाई द्वारा फ्लैट, एंगिल आदि को काटने में भी किया जाता है। यह एक भारी हैमर होता है। इसलिए इसका उपयोग भारी कामों में किया जाता है। यह आपको 2 Kg से 10 Kg तक मार्केट में मिल जाएंगे। इनके भार के अनुसार ही इनके हैण्डिल (handle) की लंबाई 600 से 900 मिमी तक होती है।
शक्ति हैमर किसे कहते हैं?
इस प्रकार के हैमर बिजली के मोटर (Electric Motor) के द्वारा चलाए जाते हैं। इनका उपयोग बड़े व भारी जॉबों को फोर्ज (Forge) करने में किया जाता है। इनका उपयोग मास प्रोडक्शन (Mass Production) के लिए किया जाता है। यह मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं-
- न्यूमैटिक हैमर
- भाप चालित हैमर
- विद्युत हैमर
Hammer ki Suraksha Savdhaniyan
- इसका उपयोग काम के अनुसार करना चाहिए।
- हैमर को हमेशा उपयोग में लाने से पहले, यह चेक कर लेना चाहिए कि उसका हैण्डिल ढीला या फटा तो नहीं है।
- जब किसी जॉब पर पूरी चोट मारनी हो तब हैमर के हैण्डिल को अन्तिम छोर पर पकड़ना चाहिए।
- हैमर के हैण्डिल में कहीं पर गांठ नहीं होनी चाहिए।
- जब घन हैमर को उपयोग में लाना हो तो अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।
- हैमर के फेस, पीन या हैण्डिल पर चिकना पदार्थ जैसे- तेल, ग्रीस आदि; नहीं लगे होने चाहिए। यदि चिकने पदार्थ के लगे होने पर हैमर से चोट मारी तो दुर्घटना (Accident) होने की पूरी संभावना रहती है।
- मशीन पर हैमर का उपयोग करते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए। यदि हैमर फिसल गया तो मशीन के अन्य भाग पर चोट पड़ने से नुकसान हो जाएगा।
- फटे व ढीले हैण्डिल वाले हैमर को उपयोग में नहीं लाना चाहिए।
- हैमरिंग करते समय दस्तानों का उपयोग अवश्य करें।